चतरा।
चतरा महाविद्यालय के हिंदी विभाग में हिंदी दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला गया ।हमें गर्व है कि हम भारतवासी हैं मोहल्ले की सबसे छोटी बच्ची की तरह हिंदी भारत के हर घर में निडर होकर घूमी फिरि है सबकी गोद चढ़ी है अपनी इसी मातृभाषा हिंदी को हम 14 सितंबर को राष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मानते हैं ।हिंदी खुली बाहों वाली भाषा है और इसके समृद्धि में कोई कमी नहीं कार्यक्रम में उपस्थित हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बालेश्वर राम ने कहा कि भाषा की वैश्विक स्थिति की बात की जाए तो यह विश्व के 150 से अधिक देशों में फैले 2 करोड़ भारतीयों द्वारा बोली जाती है इसके अलावा 40 देश के 600 से अधिक विश्वविद्यालयों और स्कूलों में पढ़ाई जाती है ।प्रोफेसर श्वेता रानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी विश्व में तीसरी बोली जाने वाली भाषा है, संविधान सभा के सभी सदस्यों ने 14 सितंबर 1946 को एक मत से देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भाषा को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी थी इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संसद में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की घोषणा कर दी थी ।

14 सितंबर 1953 को आधिकारिक रूप से पहली बार राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया गया था और इसी दिन से हम लोग हिंदी दिवस मनाते आ रहे हैं। शिक्षक गोपाल ने कहा ने भी हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कविता पाठ किया तथा शिक्षिका शालू कुमारी ने भी कविता पाठ किया। इस कार्यक्रम में स्नातकोत्तर तथा स्नातक के सभी बच्चों ने भाग लिया तथा शोभा कुमारी चंपा कुमारी ने भाषण दिया तथा लक्ष्मी कुमारी ने गीत गाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। मंच संचालन का कार्य स्नातक के मृत्युंजय शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन का कार्य शिक्षक गोपाल तथा स्नातक के टिंकू पासवान ने किया।