दो माह से चल रहा था, कोयले का अवैध कारोबार ।
रामगढ़।
जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र अंतर्गत बोकारो नदी के किनारे गोसी व पारसाबेड़ा जंगलो से कोयले का अवैध खनन किया जा रहा था। यहां व्यापक पैमाने पर कोयले का अवैध खनन किया जा रहा था। कोयले के अवैध खनन को लेकर खबर चलाई गई थी। इस खबर के बाद हजारीबाग सीसीएल एरिया सुरक्षा विभाग के प्रभारी डॉ रंजीत कुमार विमल और उनके दल बल के द्वारा मंगलवार की अहले सुबह घाटों के गोसी व पारसाबेड़ा के जंगलो में छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान परसाबेड़ा से एक 12 चक्का ट्रक JH02W7328 नया मोड़ की तरफ जा रहा था। उसी दौरान सुरक्षा प्रभारी ने ट्रक को रुकने के लिए कहा। ट्रक के चालक ने ट्रक को रोक कर जंगल की तरफ भागने लगा। छापेमारी दल ने चालक का पीछा भी किया। लेकिन चालक रात के अंधेरे और जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहा। छापेमारी दल को ट्रक की तलाशी में ट्रक में लोड 25 टन कोयला मिला। वही ट्रक के केबिन से झारखंड कोलियरी का कागज़ मिला जिसे प्रभारी रंजीत कुमार विमल ने जाली बताया है। प्रभारी रंजीत कुमार विमल ने ट्रक पकड़े की सूचना घाटों थाना में दिया। जिसके बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर ट्रक को जप्त कर थाने ले आई। सुरक्षा प्रभारी रंजीत कुमार विमल ने बताया कि छापेमारी दल को अवैध कोयला उत्खनन के 4 अनलीगल माइंस भी मिले हैं। इस संबंध में वेस्ट बोकारो ओपी थाना में आवेदन भी दिया गया है।
पारसाबेड़ा जंगल से चल रहा था अवैध कोयले का कारोबार
वेस्ट बोकारो ओपी के पारसबेड़ा जंगल में बोकारो नदी के किनारे कोयले का अवैध खनन चल रहा था। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध कोयला को दिन के उजाले में कोयला खनन व कटिंग दर्जनों मजदूरों से कराया जाता है, जिसे रात ढलते ही खनन व कटिंग किये गए अवैध कोयले को ट्रकों के माध्यम से लोड कर बिहार के देहरी मंडी में भेजा जाता था।
सीसीएल के परेज परियोजना से भी हो रही थी कोयले की चोरी
वही सीसीएल परेज परियोजना से भी कोयले की चोरी हो रही थी। चोरी किए गए कोयले को उडहारा जंगल मे जमा कर रात के अंधेरे में ट्रकों में लोड कर मंडियों में भेजा जाता है। वहीं परसाबेड़ा जंगल में बोकारो नदी के किनारे कोयले का अवैध खनन पिछले 2 माह से जारी है। कोयले को पेलोडर के माध्यम से कोयले को ट्रकों में लोड कर मंडियों में भेजा जाता है।